TRAI का नया OTP नियम: धोखाधड़ी से बचाने के लिए बड़ा कदम
आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन और इंटरनेट ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है। लेकिन, इसके साथ ही साइबर अपराध और धोखाधड़ी के खतरे भी बढ़ गए हैं। इन खतरों से निपटने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
ट्राई का बड़ा कदम: संदेश ट्रेसेबिलिटी लागू
TRAI ने संदेश ट्रेसेबिलिटी (Message Traceability) के नियम लागू करने का निर्देश दिया है। यह नियम विशेष रूप से वाणिज्यिक संदेशों और ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी और साइबर हमलों से बचाना है।
- शुरुआत में, इस नियम को लागू करने के लिए 31 अक्टूबर 2024 की समयसीमा तय की गई थी।
- बाद में, JIO, Airtel, VI और BSNL जैसी कंपनियों के अनुरोध पर इसे 30 नवंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया।
- 1 दिसंबर 2024 से यह नियम सभी दूरसंचार कंपनियों के लिए अनिवार्य हो जाएगा।
ओटीपी में हो सकती है देरी
TRAI के इस नए नियम के लागू होने के बाद, ओटीपी संदेशों में देरी होने की संभावना है।
- यदि आप बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग या रेलवे/फ्लाइट बुकिंग कर रहे हैं, तो ओटीपी प्राप्त करने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है।
- हालांकि, इस कदम का मुख्य उद्देश्य है नकली ओटीपी संदेशों से होने वाली धोखाधड़ी को रोकना।
ट्राई ने क्यों उठाया यह कदम?
TRAI के इस फैसले के पीछे का कारण यह है कि स्कैमर्स नकली ओटीपी संदेशों का उपयोग करके लोगों के व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच प्राप्त कर लेते हैं।
- इस तरह की धोखाधड़ी के कारण उपभोक्ताओं को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है।
- संदेश ट्रेसेबिलिटी नियम लागू होने से सभी संदेशों की निगरानी करना आसान होगा, जिससे धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी।
1 जनवरी 2025 से लागू होगा RoW नियम
TRAI ने 1 जनवरी 2025 से राइट ऑफ वे (Right of Way - RoW) नियम लागू करने की घोषणा की है।
- इसका उद्देश्य पूरे देश में 5G इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज़ी से विकास करना है।
- RoW नियम के तहत, दूरसंचार कंपनियों के लिए पूरे देश में मानकीकृत शुल्क और प्रक्रियाएं लागू की जाएंगी।
- वर्तमान में, RoW शुल्क हर राज्य में अलग-अलग है, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापना में देरी होती है।
- यह नया नियम 5G सेवाओं को हर कोने तक पहुंचाने में मदद करेगा।
निष्कर्ष
TRAI के इन नए नियमों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखना और भारत में डिजिटल और दूरसंचार इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है।
- संदेश ट्रेसेबिलिटी नियम से जहां साइबर धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी, वहीं RoW नियम 5G नेटवर्क के तेज़ी से विस्तार में मदद करेगा।
इन बदलावों का सकारात्मक प्रभाव भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा और उपभोक्ता पहले से अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।
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